ब्रेन हेमरेज (Brain Hemorrhage) मस्तिष्क से संबंधित बहुत ही घातक विकार है, जो गंभीर स्थिति होने पर प्राणघातक हो सकती है चूंकि मस्तिष्क शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है हमारे शरीर को पूरा कंट्रोल मस्तिष्क के द्वारा ही किया जाता है। ब्रेन हेमरेज एक ऐसी स्थिति है जिसमें मस्तिष्क की रक्त वाहिकाएं (Blood Vessels) फट जाती हैं और अंदर ही अंदर रक्तस्राव (Bleeding) होने लगता है। जिससे मस्तिष्क में सूजन (Swelling) उत्पन्न हो जाती है और उस क्षेत्र में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। ब्रेन हेमरेज को मानसिक दौरा या स्ट्रोक भी कहते हैं। अगर सही समय पर इलाज न किया जाए, तो यह बहुत घातक भी हो सकती है।
आइए जानते हैं, क्या है ब्रेन हेमरेज, हेमरेज के प्रकार, कारण, लक्षण, निदान, उपचार और रोकथाम के उपायों इत्यादि के बारे में ।
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ब्रेन हेमरेज क्या होता है? (What is Brain Hemorrhage In Hindi)
ब्रेन हेमरेज में मस्तिष्क की रक्त वाहिकाएं फट जाती हैं और मस्तिष्क में ब्लीडिंग या रक्तस्राव की समस्या हो जाती है तो इस समस्या को ही ब्रेन हैमरेज कहते है। क्या आप ज्ञात हैं, ब्रेन हेमरेज कैसे होता है? इसका मुख्य कारण है: मस्तिष्क या उसके आसपास के टिश्यूज़ को आपूर्ति करने वाली ब्लड आर्टरी(रक्त धमनी) में किसी भी प्रकार का स्त्राव होने लगता है। जिसके कारण मस्तिष्क के क्षतिग्रस्त भाग में ऑक्सीजन बहुत कम मात्रा में पहुंचता है और रक्त स्राव के कारण मस्तिष्क में रक्त भर जाता है। परिणामस्वरूप मस्तिष्क पर प्रेशर बढ़ता है, जो मस्तिष्क के टिश्यूज़ और सेल्स तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को पहुंचने से रोकता है।
ब्रेन हेमरेज कितने प्रकार के होते हैं? (Types Of Brain Hemorrhage)
हमारा मस्तिष्क तीन प्रकार के ऊतकों से ढका हुआ। इन तीनों ऊतकों में से किसी में भी रक्तस्राव हो सकता है। रक्तस्त्राव मस्तिष्क के वास्तविक टिश्यू के भीतर भी हो सकता है। ब्रेन हमरेज में दो तरह के स्थान हैं जहाँ ब्लीडिंग हो सकती है।
ब्रेन हेमरेज के प्रकार
•इंट्रासेरेब्रल हेमरेज (Intracerebral Hemorrhage):
इंट्रासेरेब्रल हेमरेज में मस्तिष्क के अंदर रक्तस्राव होता है, जिससे कारण आसपास के ऊतकों पर काफी दबाव पड़ता है। यह सबसे Normal type का ब्रेन हेमरेज है और ज्यादातर बढ़ते रक्तचाप (High Blood Pressure) के कारण होता है।
•इंट्रावेंट्रिकुलर ब्लीडिंग: इस प्रकार का रक्तस्राव मस्तिष्क के वेंट्रिकल्स में होता है, जो मस्तिष्क के भिन्न-भिन्न क्षेत्र होते हैं, जिन्हें कैविटी कहा जाता है। ये कैविटीज़ सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड के रूप में जाने जाने वाले तरल पदार्थ को बनाती हैं, जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को कवर करता है और उसे सुरक्षा प्रदान करने में काफी सहायक है।
•सबअरैक्नॉइड हेमरेज (Subarachnoid Hemorrhage)
इस प्रकार के ब्रेन हेमरेज में मस्तिष्क और इसे ढकने वाली झिल्ली (Meninges) के बीच रक्तस्राव को संदर्भित करता है। यह अक्सर मस्तिष्क धमनीविस्फार (Aneurysm) के कारण होता है।
•सबड्यूरल हेमेटोमा (Subdural Hematoma)
इसमें मस्तिष्क और इसकी बाहरी झिल्ली (Dura Mater) के बीच रक्त जमा हो जाता है, जिससे मस्तिष्क पर दबाव बढ़ता है। यह अक्सर सिर में चोट (Head Injury) के कारण होता है। इसे सबड्यूरल हेमेटोमा के नाम से जाना जाता है।
•एपिड्यूरल हेमेटोमा (Epidural Hematoma)
इसमें खोपड़ी और मस्तिष्क के बीच रक्तस्राव होता है। यह आमतौर पर सिर में गंभीर चोट लगने के कारण होता है।
ब्रेन हेमरेज का कारण क्या है? (Cause of Brain Hemorrhage)
ब्रेन हेमरेज कई कारणों से हो सकता है, जिनमें प्रमुख निम्नलिखित हैं -
•सिर पर किसी भी तरह की चोट या आघात
•सेरेब्रल एन्यूरिज्म, या मस्तिष्क की नस में दबने वाला उभार
•बढ़ा हुआ रक्तचाप
•स्ट्रोक
•रक्त विकार
•ब्लड वेसल से सम्बंधित समस्याएं
•रक्त या रक्तस्राव से सम्बंधित समस्याएं
•लीवर रोग
•मस्तिष्क का ट्यूमर
•अत्यधिक दवाओं का सेवन
•उम्र
•बढ़ा हुआ रक्तचाप:
लंबे समय तक अनियंत्रित उच्च रक्तचाप मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं को कमजोर कर सकता है और उनके फटने का कारण बन सकता है।
•सिर पर किसी भी तरह की चोट या आघात:
सड़क दुर्घटना, गिरने या किसी कठोर चीज से टकराने पर मस्तिष्क की रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, जिससे ब्रेन हेमरेज हो सकता है।
•मस्तिष्क में रक्तस्राव :
जब मस्तिष्क की किसी रक्त वाहिका की दीवार कमजोर होकर फूल जाती है, तो वह फट सकती है और रक्तस्राव का कारण बन सकती है।
•स्ट्रोक :
मस्तिष्क में रक्त प्रवाह बाधित होने या रक्त वाहिका फटने से ब्रेन हेमरेज हो सकता है।
• रक्त विकार:
हीमोफीलिया (Hemophilia) और थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) जैसी स्थितियां रक्त को सामान्य रूप से जमने नहीं देतीं, जिससे रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है।
•मस्तिष्क ट्यूमर :
कुछ मामलों में, ट्यूमर रक्त वाहिकाओं पर दबाव डाल सकता है और उन्हें फाड़ सकता है, जिससे रक्तस्राव हो सकता है।
•नशीले पदार्थों का सेवन:
कोकीन और अन्य उत्तेजक दवाओं का सेवन रक्तचाप को अचानक बढ़ा सकता है, जिससे रक्त वाहिकाएं फट सकती हैं।
• धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन:
ये दोनों ही रक्त वाहिकाओं को कमजोर कर सकते हैं और ब्रेन हेमरेज के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
ब्रेन हेमरेज के लक्षण क्या है? (Symptoms Of Brain Hemorrhage)
ब्रेन हेमरेज के लक्षण रक्तस्राव की गंभीरता और प्रभावित क्षेत्र पर निर्भर करते हैं। मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं:
•अचानक, गंभीर सिरदर्द
•संतुलन या समन्वय की हानि
•निगलने में कठिनाई होना
•दृष्टि संबंधी समस्याएँ
•भ्रम या समझने में कठिनाई
•स्तब्धता, सुस्ती, या बेहोशी
•दौरे
•बात करने में कठिनाई या अस्पष्ट वाणी
•अचानक और तेज सिरदर्द
यह ब्रेन हेमरेज का सबसे आम और प्रारंभिक लक्षण है। सिर में असहनीय दर्द महसूस हो सकता है।
•चक्कर आना और संतुलन खोना
व्यक्ति को खड़े होने, चलने या बैठने में कठिनाई हो सकती है।
•उल्टी और मतली (Nausea & Vomiting)
अचानक मस्तिष्क में दबाव बढ़ने के कारण व्यक्ति को उल्टी या मतली हो सकती है।
•बेहोशी या भ्रम की स्थिति
व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। कुछ मामलों में, व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है।
•शरीर के किसी एक हिस्से में कमजोरी या सुन्नपन
आमतौर पर यह समस्या शरीर के एक ही तरफ होती है, खासकर चेहरे, हाथों और पैरों में।
•बोलने और समझने में कठिनाई
व्यक्ति अस्पष्ट बोल सकता है या किसी की बात समझने में दिक्कत हो सकती है।
•देखने में दिक्कत
डबल विजन (Double Vision) या धुंधली दृष्टि हो सकती है।
•मिर्गी के दौरे (Seizures)
कुछ मामलों में, व्यक्ति को मिर्गी के झटके भी आ सकते हैं।
ब्रेन हेमरेज का पता लगाने के लिए टेस्ट्स
ब्रेन हेमरेज का पता लगाने के लिए निम्नलिखित टेस्ट किए जा सकते हैं:
लम्बर पंचर, जिसे अक्सर स्पाइनल टैप के रूप में भी जाना जाता है, इसके दौरान डॉक्टर जांच के लिए रीढ़ की हड्डी से फ्लूइड को निकालने के लिए एक सुई का उपयोग करते हैं।
सेरेब्रल एंजियोग्राफी के दौरान, चिकित्सक एक डाई इंजेक्ट करता है, जिसकी मदद से मस्तिष्क में या उसके पास असामान्य रूप से बनी रक्त धमनियों का पता चलता है, और फिर मस्तिष्क की एक्स-रे तस्वीरें ली जाती हैं।
ब्रेन हेमरेज का उपचार क्या है?(Brain Hemorrhage Treatment)
ब्रेन हेमरेज के उपचार का मतलब होता है, क्लॉट को हटाना, रक्तस्राव को रोकना और मस्तिष्क पर दबाव कम करना। यदि इसका उपचार नहीं किया जाता है और इसे ऐसे ही छोड़ दिया जाता है तो मस्तिष्क अंततः थक्के(क्लॉट) को पुनः अवशोषित कर लेगा। लंबे समय तक मस्तिष्क पर दबाव बढ़ने से होने वाली क्षति को ठीक नहीं किया जा सकता है।
1. नॉन-सर्जिकल ट्रीटमेंट
जो मरीज सर्जरी नहीं करवाना चाहते हैं, उनमें निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:
सीमित संकेत और लक्षण
ठीक होने की संभावना कम होना (भारी रक्तस्राव, खराब न्यूरोलॉजिकल स्थिति, बुढ़ापा, रक्तस्राव की समस्या)
रक्तस्राव का स्थान (थैलेमिक या बेसल गैन्ग्लिया, जहां सर्जिकल रिपेयर बेहतर नहीं है)।
नॉन-सर्जिकल ट्रीटमेंट में निम्नलिखित तरीके शामिल हैं
आईसीपी (क्लोट के कारण मस्तिष्क के टिश्यूज पर दबाव) की निगरानी और प्रबंधन करना।
क्लॉटिंग फैक्टर इन्फ्यूजन, उस स्थिति में जब रोगी रक्त पतला करने वाली दवा ले रहा हो।
फिर से रक्तस्राव होने की संभावना को कम करने के लिए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना
2. सर्जिकल ट्रीटमेंट
जिन मरीज़ों की सर्जरी की जा सकती है - उनमें निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:
कम उम्र के रोगी (जो वृद्ध रोगियों की तुलना में सर्जरी को बेहतर ढंग से संभाल सकते हैं)।
ऐसे मरीज़ जिन्हें ब्लीडिंग ऐसे हिस्से में हुई है जो सर्जिकल ड्रेनेज के लिए उपयुक्त होता है, जैसे कि लोबार, सेरिबैलर, बाहरी कैप्सूल, या नॉन-डोमिनेंट हेमिस्फीयर।
ऐसे मरीज़ जिनके लिए सर्जरी से एडिमा, नेक्रोसिस और पुनः रक्तस्राव की समस्याएं कम हो सकती हैं, लेकिन कभी-कभी न्यूरोलॉजिकल फ़ंक्शन में सुधार होता है।
सर्जिकल ट्रीटमेंट में निम्नलिखित शामिल हैं
क्लॉट(थक्के) को हटाने के लिए, क्रैनियोटॉमी के दौरान स्कल की हड्डी के एक हिस्से को काट दिया जाता है और मस्तिष्क को खोला जाता है। जब क्लॉट(थक्का) मस्तिष्क की सतह पर होता है या अंतर्निहित मस्तिष्क क्षति से जुड़ा होता है, तो यह प्रक्रिया सहायक होती है।
मस्तिष्क में गहराई में बने क्लॉट(थक्के) को हटाने के लिए स्टीरियोटैक्टिक क्लॉट एस्पिरेशन नामक न्यूनतम आक्रामक प्रक्रिया का उपयोग किया जा सकता है।
ब्रेन हेमरेज के रोकथाम के उपाय क्या हैं?
• रक्तचाप को नियंत्रित रखें।
• धूम्रपान और शराब से बचें।
•स्वस्थ आहार लें (कम नमक और वसा)।
•डायबिटिक लोगों में ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करना।
•कोलेस्ट्रॉल को कम करना।
•नियमित व्यायाम करें।
•सिर की सुरक्षा के लिए हेलमेट पहनें।
•तनाव कम करें और योग/मेडिटेशन करें।
निष्कर्ष
वर्तमान के समय में व्यक्तियों के लाइफस्टाइल बहुत अंतर हो गया है, खान-पान से लेकर सोने-जागने तक सभी का समय लोगों ने अपने काम के आधार पर निर्धारित कर रखा है। इन सब का प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। ब्रेन हेमरेज एक घातक स्वास्थ्य समस्या है, यह तब होता है, जब मस्तिष्क में रक्तश्राव होने लगता है। ऐसे में तत्काल प्रभाव से बचने हेतु प्रारंभिक सहायता लेनी चाहिए, नहीं तो जीतनी समय बीतेगा उतनी ही यह प्राणघातक बनती जाएगी। ब्रेन हमरेज से जुड़े किसी भी तरह के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत प्रभाव से डॉक्टर से परामर्श करें।
ब्रेन हेमरेज से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न 1. ब्रेन हेमरेज होने से पहले क्या होता है?
उत्तर:- ब्रेन हेमरेज होने से पहले, अचानक और गंभीर सिरदर्द होता है. यह ब्रेन हेमरेज का पहला लक्षण होता है. इसके अलावा, ये लक्षण भी दिख सकते हैं।⁶
प्रश्न 2. सिर में खून जम जाने से क्या होता है?
उत्तर:- इससे मस्तिष्क के सेल्स ख़त्म हो सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप न्यूरोलॉजिकल डैमेज हो सकता है। चेहरे, हाथ, या पैर सहित शरीर के एक तरफ बार-बार और अचानक कमज़ोरी आना। बोलने या समझने में परेशानी। गंभीर सिरदर्द या चक्कर आना।
प्रश्न 3. ब्रेन हेमरेज और लकवा में क्या अंतर है?
उत्तर:- दोनों को लोग एक ही समझते हं, लेकिन दोनों अलग-अलग हैं। जब दिमाग की एक नस में अचानक खून पहुंचना बंद हो जाए, तो उसे ब्रेन स्ट्रोक कहते हैं। इससे ब्रेन के प्रभावित हिस्से की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं जबकि ब्रेन हेमरेज होने पर चेहरे, हाथ या पैर में लकवा की समस्या होने लगती है।
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