मोतियाबिंद के कारण, लक्षण तथा इलाज की पूरी व्याख्या हिंदी में।





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मोतियाबिंद (Cataract) क्या होता है?


मोतियाबिंद एक नेत्र रोग है जिसमें आंख के लेंस (lens) में धुंधलापन आ जाता है, जिससे दृष्टि प्रभावित होती है। यह आमतौर पर वृद्धावस्था में होता है। कुछ मामलों में यह आनुवंशिक, आघात (injury), मधुमेह, धूम्रपान, से हो सकता है।लंबे समय तक सूरज की किरणों के संपर्क में रहने के कारण भी हो सकता है। इस लेख में हम मोतियाबिंद के कारण, लक्षण एवं इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे ।



मोतियाबिंद कितने प्रकार का होता है?


1. न्यूक्लियर कैटरैक्ट (Nuclear Cataract): न्यूक्लियर कैटरैक्ट एक ऐसा मोतियाबिंद है जो आंख के लेंस के केंद्रीय भाग पर आक्रमण करता है जिससे आंखो में धीरे-धीरे धुंधलापन बढ़ता है। 

यह उम्र बढ़ने के कारण होता है।



2. कॉर्टिकल कैटरैक्ट (Cortical Cataract): यह आंख के लेंस के बाहरी किनारों पर विकसित होता है और धीरे-धीरे केंद्र की ओर बढ़ता है। 

यह लेंस की पारदर्शिता को बहुत प्रभावित करता है और इसकी सतह पर सफेद, धुंधली अपारदर्शी  रेखाएं बनती है। यह मोतियाबिंद उम्र बढ़ने के साथ अथवा मधुमेह या सूर्य के हानिकारक (Ultra violet) किरणो के कारण होता है।



3. पोस्टीरियर सबकैप्सुलर कैटरैक्ट (Posterior Subcapsular Cataract): यह लेंस के पीछे की कैप्सूल पर बनता है यह बहुत  तेजी से बढ़ने वाला मोतियाबिंद है यह कम समय में अधिक प्रभाव डालता है और यह अधिकतर युवा में होता है और पढ़ने व रोशनी में देखने में कठिनाई पैदा करता है।



4. जन्मजात मोतियाबिंद (Congenital Cataract): यह जन्म के समय या बचपन में होता है और आनुवंशिक या अन्य जन्मजात समस्याओं के कारण हो सकता है।


मोतियाबिंद क्यों होते हैं? 


मोतियाबिंद (Cataract) आंखों की एक ऐसी स्थिति है जिसमें आंखो के लेंस (lens) में धुंधलापन आ जाता है, और दृष्टि बहुत प्रभावित होती है। यह अधिकतर उम्र बढ़ने की प्रक्रिया का हिस्सा होता है, लेकिन कई अन्य कारण भी इसके लिए जिम्मेदार हो मानें जाते हैं।



मोतियाबिंद के प्रमुख कारण क्या हैं?


1. उम्र बढ़ने के कारण (Aging Factor)


°बढ़ती उम्र के साथ आंख के लेंस में प्रोटीन और पानी की संरचना बदलने लगती है जिससे मोतियाबिंद होने की संभावना होती है।

°आखो के लेंस में धीरे-धीरे धुंधलापन (clouding) आ जाता है, जिससे रोशनी का सही तरीके से गुजरना मुश्किल हो जाता है।

°तीसरा सबसे आम कारण यह है और इसे आयु-संबंधी मोतियाबिंद (Age-related Cataract) कहा जाता है।



 2. आनुवंशिकता (Genetics)


°यदि परिवार में किसी को जल्दी मोतियाबिंद हुआ है, तो आगे की पीढ़ी में इसके होने की संभावना बढ़ जाती है।

°कुछ जन्मजात (Congenital) मामलों में, बच्चों को जन्म से ही मोतियाबिंद हो सकता है।



3. मधुमेह (Diabetes)


°कुछ उच्च रक्त शर्करा (High Blood Sugar) आंखों के लेंस को प्रभावित कर सकती है, जिससे समय से पहले मोतियाबिंद विकसित हो सकता है।

°मधुमेह के रोगियों में यह समस्या अधिक देखी जाती है।



4. सूर्य की हानिकारक किरणें (UV Rays Exposure)


°अल्ट्रावायलेट (UV) किरणों के अधिक संपर्क में आने से लेंस की प्रोटीन संरचना बिगड़ जाती है, जिससे मोतियाबिंद जल्दी होने की संभावना बढ़ जाती है।

°बिना UV सुरक्षा वाले चश्मे पहनने से यह जोखिम बढ़ जाता है।



5. धूम्रपान और शराब (Smoking & Alcohol)


°धूम्रपान से शरीर में हानिकारक तत्व (Free Radicals) बढ़ जाते हैं, जो आंखों के लेंस को नुकसान पहुंचाते हैं।

°शराब का अधिकतर सेवन भी मोतियाबिंद के विकास को तेज कर सकता है।



6. आंख में चोट या ऑपरेशन (Eye Injury or Surgery)


°किसी दुर्घटना में आंख में चोट लगने से लेंस की संरचना बदल सकती है, जिससे मोतियाबिंद हो सकता है।

°यदि पहले कभी आंख की सर्जरी हुई हो, तो आगे चलकर मोतियाबिंद विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है।



7. कुछ विशेष दवाइयां (Prolonged Medication Use)


°स्टेरॉयड (Steroids) या कुछ अन्य दवाओं का लंबे समय तक उपयोग करने से आंखों के लेंस पर प्रभाव पड़ सकता है।

°इससे लेंस में असमान्य परिवर्तन आ सकते हैं, जो मोतियाबिंद का कारण बनते हैं।



8. पोषण की कमी (Nutritional Deficiency)


°शरीर में विटामिन C, विटामिन E और एंटीऑक्सीडेंट की कमी के कारण भी आंखों की सेहत प्रभावित होती है।

°यदि संतुलित आहार न लिया जाए, तो लेंस कमजोर हो सकता है और मोतियाबिंद का खतरा बढ़ सकता है।



9. रेडिएशन एक्सपोजर (Radiation Exposure)


°रेडिएशन थेरेपी या अत्यधिक रेडिएशन के संपर्क में आने से भी मोतियाबिंद हो सकता है।

°यह समस्या उन लोगों में अधिक देखी जाती है जो रेडिएशन से जुड़े कार्यों में लगे होते हैं।



मोतियाबिंद के लक्षण क्या हैं?


मोतियाबिंद एक नेत्र रोग है जिसमें आंख के लेंस में धुंधलापन आ जाता है, जिससे दृष्टि प्रभावित होती है। यह समस्या धीरे-धीरे विकसित होती है और शुरुआती चरणों में बहुत कम लक्षण दिखते हैं। लेकिन जैसे-जैसे यह बढ़ता है, विभिन्न लक्षण प्रकट होने लगते हैं।

 

 मोतियाबिंद के प्रमुख लक्षण 


1. दृष्टि धुंधली या धूमिल होना (Blurry or Cloudy Vision)


°आंखों के लेंस में धुंधलापन आने के कारण चीजें साफ दिखाई नहीं देतीं।

°ऐसा लगता है जैसे कोई धुंधली फिल्म या पर्दा आंखों के सामने आ गया हो।

°यह लक्षण धीरे-धीरे बढ़ता है और समय के साथ अधिक स्पष्ट हो जाता है।



2. रोशनी में अधिक चकाचौंध या चमक महसूस होना (Increased Sensitivity to Light and Glare)


°तेज रोशनी, सूरज की किरणें या वाहन की हेडलाइट्स आंखों में चुभने लगती हैं।

°रात में गाड़ी चलाने में कठिनाई होती है क्योंकि हेडलाइट्स से बहुत अधिक चमक महसूस होती है।

°यह समस्या विशेष रूप से पोस्टीरियर सबकैप्सुलर मोतियाबिंद (Posterior Subcapsular Cataract) में अधिक देखी जाती है।



3. रात में देखने में कठिनाई (Difficulty Seeing at Night)


°कम रोशनी में या रात के समय चीजें और भी धुंधली दिखने लगती हैं।

°यह स्थिति न्यूक्लियर कैटरैक्ट (Nuclear Cataract) में अधिक देखने को मिलती है।



4. रंगों की चमक फीकी पड़ना (Fading or Yellowing of Colors)


°रंगों की पहचान में दिक्कत होने लगती है और वे हल्के या पीले दिखाई देने लगते हैं।

°ऐसा लगता है कि हर चीज पीले या भूरे रंग की टिंट में दिख रही है।

°यह लक्षण इसलिए होता है क्योंकि मोतियाबिंद आंखों के लेंस पर परत बना देता है, जिससे प्रकाश सही तरीके से पास नहीं हो पाता।



5. दोहरी दृष्टि (Double Vision in One Eye)


°एक ही वस्तु दो-दो दिखाई देती है (मोनोकुलर डिप्लोपिया - Monocular Diplopia)।

°यह स्थिति तब होती है जब लेंस में असमान रूप से धुंधलापन आ जाता है।

°चश्मा बदलने पर भी यह समस्या बनी रहती है।



6. चश्मे का नंबर बार-बार बदलना (Frequent Changes in Glasses Prescription)


°बार-बार चश्मे के नंबर में बदलाव होता है, लेकिन इसके बावजूद दृष्टि स्पष्ट नहीं होती।

°मरीज को लग सकता है कि नया चश्मा पहनने से दृष्टि थोड़ी बेहतर हुई है, लेकिन कुछ समय बाद फिर से धुंधलापन आने लगता है।



7. पढ़ने या बारीक काम करने में परेशानी (Difficulty in Reading or Close Work)


°किताब पढ़ने, सिलाई करने या मोबाइल स्क्रीन देखने में परेशानी होती है।

°कई बार लोग रोशनी बढ़ाकर पढ़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन धीरे-धीरे यह भी कारगर नहीं होता।



8. आंखों के सामने धुंध या धब्बे दिखना (Seeing Halos Around Lights)


°रोशनी के चारों ओर चमकदार छल्ले (Halos) दिखते हैं, खासकर रात में।

°यह लक्षण विशेष रूप से पोस्टीरियर सबकैप्सुलर मोतियाबिंद में अधिक पाया जाता है।


मोतियाबिंद के लक्षणों का विकास कैसे होता है?


मोतियाबिंद धीरे-धीरे विकसित होता है और उसके लक्षण कुछ चरणों में प्रकट करता हैं:


1. प्रारंभिक चरण (Early Stage): हल्की धुंधली दृष्टि, रोशनी में हल्की संवेदनशीलता।


2. मध्यम चरण (Moderate Stage): रात में देखने में कठिनाई, रंग पहचान में समस्या, चश्मे का नंबर बार-बार बदलना।


3. गंभीर चरण (Advanced Stage): पूरी दृष्टि धुंधली, वस्तुएं साफ नहीं दिखतीं, रोशनी की अधिक जरूरत महसूस होना।



मोतियाबिंद का इलाज क्या हैं?


मोतियाबिंद (Cataract) का इलाज मुख्य रूप से सर्जरी (Surgery) के माध्यम से किया जाता है, क्योंकि कोई दवा, व्यायाम या चश्मा इसे पूरी तरह से ठीक नहीं कर सकता। हालांकि, शुरुआती चरणों में जीवनशैली में कुछ बदलाव करके इसकी प्रगति को धीमा किया जा सकता है। जैसे-जैसे मोतियाबिंद बढ़ता है और रोजमर्रा की गतिविधियों को प्रभावित करने लगता है, डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं।


1. प्रारंभिक चरण में मोतियाबिंद का इलाज


यदि मोतियाबिंद बहुत शुरुआती अवस्था में है और दृष्टि पर अधिक प्रभाव नहीं डाल रहा है, तो निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:


चश्मे का उपयोग: नजर को बेहतर बनाने के लिए सही नंबर के चश्मे का इस्तेमाल किया जा सकता है।


अच्छी रोशनी में काम करना: पढ़ने या बारीक काम करने के लिए तेज रोशनी का उपयोग करें।


एंटी-ग्लेयर चश्मा: रात में गाड़ी चलाने के दौरान चकाचौंध को कम करने के लिए एंटी-ग्लेयर चश्मा पहनें।


स्वस्थ आहार: विटामिन C, विटामिन E और एंटीऑक्सीडेंट युक्त भोजन का सेवन करें ताकि आंखों की सेहत बनी रहे।


लेकिन यह केवल अस्थायी समाधान हैं। जैसे-जैसे मोतियाबिंद बढ़ता है, सर्जरी ही इसका एकमात्र स्थायी इलाज होता है।



2. मोतियाबिंद का सर्जरी द्वारा इलाज


जब मोतियाबिंद बहुत अधिक बढ़ जाता है और रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करने लगता है, तो सर्जरी ही एकमात्र प्रभावी विकल्प होता है। इसमें धुंधले लेंस को हटाकर उसकी जगह कृत्रिम लेंस (IOL - Intraocular Lens) लगाया जाता है।


मोतियाबिंद सर्जरी के प्रकार


1. फेकोइमल्सिफिकेशन (Phacoemulsification) – आधुनिक और सामान्य तकनीक


यह सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली और सुरक्षित तकनीक है।


इसमें एक छोटे चीरे (Incision) के माध्यम से अल्ट्रासोनिक तरंगों का उपयोग करके मोतियाबिंद को तोड़ा और निकाला जाता है।


इसके बाद कृत्रिम लेंस (IOL) प्रत्यारोपित कर दिया जाता है।


यह प्रक्रिया 10-15 मिनट में पूरी हो जाती है और इसमें टांके (Stitches) नहीं लगते।


फायदे: जल्दी रिकवरी, कम दर्द, कम जटिलताएं।



2. एक्स्ट्राकैप्सुलर कैटरैक्ट एक्सट्रैक्शन (ECCE - Extracapsular Cataract Extraction)


इसमें आंख के लेंस को एक बड़े चीरे के माध्यम से निकाला जाता है और नया लेंस लगाया जाता है।


यह तकनीक पुराने और गंभीर मोतियाबिंद के मामलों में इस्तेमाल की जाती है।


इसमें टांके लगाने की आवश्यकता होती है, इसलिए रिकवरी में अधिक समय लग सकता है।



3. लेजर-असिस्टेड कैटरैक्ट सर्जरी (Laser Cataract Surgery)


यह एक नई तकनीक है जिसमें फेमटोसेकंड लेजर (Femtosecond Laser) का उपयोग किया जाता है।


लेजर की मदद से लेंस को सटीक रूप से काटकर मोतियाबिंद निकाला जाता है।


यह अधिक सुरक्षित और कम दर्दनाक होता है, लेकिन महंगा हो सकता है।



3. मोतियाबिंद सर्जरी के बाद देखभाल (Post-Surgery Care)


मोतियाबिंद सर्जरी के बाद तेजी से ठीक होने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी होती हैं:


क्या करना चाहिए?


✅ डॉक्टर द्वारा दी गई आई ड्रॉप्स का नियमित उपयोग करें।

✅ धूल, धुएं और तेज रोशनी से बचें।

✅ आंखों को रगड़ने या दबाने से बचें।

✅ झुकने या भारी सामान उठाने से बचें, ताकि आंखों पर दबाव न पड़े।

✅ डॉक्टर द्वारा निर्धारित चश्मा पहनें और नियमित जांच कराएं।


क्या नही करना चाहिए?


❌ सर्जरी के बाद तुरंत गाड़ी न चलाएं।

❌ पानी या साबुन को सीधे आंखों में न जाने दें।

❌ धूम्रपान और शराब का सेवन न करें, क्योंकि इससे आंखों की रिकवरी धीमी हो सकती है।



4. मोतियाबिंद के इलाज से जुड़े कुछ सामान्य प्रश्न


Q. क्या मोतियाबिंद दवा से ठीक हो सकता है?


❌ नहीं, मोतियाबिंद को दवा, चश्मा या घरेलू उपायों से ठीक नहीं किया जा सकता। केवल सर्जरी ही इसका स्थायी समाधान है।


Q. मोतियाबिंद सर्जरी कितनी सुरक्षित है?


✅ हां, यह बहुत सुरक्षित प्रक्रिया है। 95% से अधिक मामलों में कोई समस्या नहीं होती और मरीज की दृष्टि में सुधार होता है।


Q. सर्जरी के बाद कितने दिनों में ठीक हो सकता है?


✅ अधिकांश लोग एक हफ्ते के भीतर सामान्य गतिविधियां शुरू कर सकते हैं, लेकिन पूरी तरह से ठीक होने में 4-6 हफ्ते लग सकते हैं।


Q. क्या कृत्रिम लेंस (IOL) स्थायी होता है?


✅ हां, कृत्रिम लेंस जीवनभर चलता है और इसे बदलने की जरूरत नहीं होती।


निष्कर्ष


मोतियाबिंद का इलाज मुख्य रूप से सर्जरी द्वारा किया जाता है, जो बहुत सुरक्षित और प्रभावी होती है। यदि मोतियाबिंद शुरुआती चरण में है, तो कुछ सावधानियों और बेहतर जीवनशैली से उसकी प्रगति को धीमा किया जा सकता है। लेकिन यदि यह बढ़ चुका है और दृष्टि को प्रभावित कर रहा है, तो सर्जरी ही एकमात्र समाधान है।


अगर आपको धुंधला दिखने लगे, रोशनी से परेशानी हो या 

रंग फीके दिखें, तो तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श लें। समय पर इलाज से आपकी दृष्टि को सुरक्षित रखा जा सकता है।


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